लेखनी कहानी -17-Oct-2022...मकरसंक्रांति
मकरसंक्रांति......
राजस्थान और गुजरात के अलावा बहुत से राज्यों में आज भी यह त्यौहार बेहद रोचकता से मनाया जाता हैं...।
तमिलनाडु में इसे पोंगल के नाम से जाना जाता हैं...। कर्नाटक, केरला और आंध्र में इसे सिर्फ संक्रांति के नाम से जाना जाता हैं...। गुजरात में इसे उतरायण के नाम से भी जाना जाता हैं...। 14 जनवरी के बाद सूर्य उतर दिशा की ओर अग्रसर होता हैं इसलिए इसे उतरायण कहते हैं....। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता हैं तभी इस त्यौहार को मनाया जाता हैं...।
भारत के अलावा यह त्यौहार नेपाल में भी मनाया जाता हैं....।
इस त्यौहार में तिल का बहुत महत्व होता हैं...। तिल और गुड़ के लड्डू इस दिन खासकर बनाए जाते हैं..। इस त्यौहार को मनाने का तरीका शायद भारत के बाकी त्यौहार से सबसे अलग और सबसे सस्ता होता हैं...।
पतंग और डोर....आसमान की उचाईयों में लहराकर पतंग के द्वारा यह त्यौहार मनाया जाता हैं...।
पतंग उड़ाने के अलावा इस दिन को दान पूण्य के लिए बेहद शुभ माना जाता हैं...। लोग तिल और गुड़ की मिठाइयों के अलावा उड़द, चावल, तिल, चिवड़ा, गौ और स्वर्ण भी दान करते हैं....।
बात करते हैं गुजरात की.... यहाँ पर इस त्यौहार को बेहद महत्व दिया जाता हैं...। कच्छ के सफेद रण में विदेशी सैलानियों के लिए खास तरह की पतंगबाजी का आयोजन किया जाता हैं...।
हर घर से कुछ दिन पहले ही तिल और गुड़ की महक आनी शुरू हो जाती हैं...।
सवेरे पांच छह बजते ही सभी अपनी अपनी छतों पर पतंगे और डोरी लेकर पहुंच जाते हैं पतंगबाजी का लुत्फ़ उठाने...। कहते हैं पतंगबाजी भी एक तरह की कला है... ये सबके बस की बात नहीं हैं...। लेकिन जिसे आ जाए... उसके लिए इससे बड़ा रोमांच कुछ नहीं..।
छतों पर बजते बड़े बड़े स्पीकरों में हिंदी फिल्मों के गाने.. हाथ में चरखी और मांजा.. आसमान में उड़ती पतंग.. ये नजारा हर छत पर देखे जाते हैं..। हर घर से मिठाईयाँ और तरह तरह के पकवानों की महक के साथ ...काई पो चे.... के स्वर सुनाई देते हैं...।
बात राजस्थान की करें या कर्नाटक की.... हर घर से वो काटा.... लपेट.... डील दे.... खींच खींच.... सुनने को मिलता हैं...।सबसे मजेदार बात जो इस त्यौहार की मुझे लगती हैं वो ये की इसका महिलाएं और लड़कियां भी खुब लुत्फ़ उठाती है...,। उनका काम बाकी त्योहारों की तरह सिर्फ रसोईघर में ही साथ नहीं होता बल्कि उंची उड़ती पतंगों के साथ अपनी आजादी और अपने स्वाभिमान को भी पंख लगाकर आसमान की सैर कराती हैं...।
14 जनवरी को घरों की छतों पर पूरा परिवार साथ बैठकर खाने का मज़ा तो लेता ही हैं....। पतंगबाजी का भी खुब लुत्फ़ उठाते हैं...।
Gunjan Kamal
24-Nov-2022 07:05 PM
👌👏
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पृथ्वी सिंह बेनीवाल
19-Nov-2022 05:34 PM
शानदार
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Khan
11-Nov-2022 10:56 AM
Behtreen 🙏
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